नए मुद्दों का प्रामाणिक और विश्वसनीय संग्रह
आधुनिक औद्योगिक और बौद्धिक क्रांति ने जिन अनेक समस्याओं का निर्माण किया है, उनमें आधुनिक युग में उत्पन्न होने वाली समस्याओं का न्यायशास्त्रीय और शरिया समाधान भी है। जो आधुनिक आविष्कारों और नई चीजों के कारण उत्पन्न हुए हैं। इन समस्याओं का समाधान करना एक कठिन और कठिन कार्य है। क्योंकि उनके लिए, उन्हें कुरान, हदीस और फ़िक़्ह के प्राचीन संग्रह में उनके समकक्षों और निकटतम उदाहरणों को खोजना होगा। किसी को फैसलों के कारणों और कारणों पर विचार करना होगा। और हमारे समय के प्रचलित उपनामों और रीति-रिवाजों को भी सामने रखना होगा। इस कठिन से कठिन कार्य का समाधान करना विद्वानों का दायित्व है। और वे ही हैं जो उनका सही समाधान खोजने में सक्षम हैं। वैसे तो हर युग के विद्वानों और विद्वानों ने अपने-अपने युग की समस्याओं का समाधान किया है। मौजूदा दौर में भी ऐसे कई प्रयास हुए हैं। समीक्षाधीन पुस्तक भी उसी श्रृंखला की एक कड़ी है। लेखक ने ऐसी सभी आधुनिक समस्याओं को जोड़ दिया है जो पूजा, समाज और मामलों और सामूहिक समस्याओं से संबंधित हैं। तथा अत्यन्त संक्षिप्तता एवं संक्षिप्तता के साथ सरल, सामान्य भाषा एवं मनोहारी शैली में मुद्दों पर चर्चा की गयी है तथा प्रत्येक अंक को प्रमाणिक पुस्तकों के सन्दर्भों एवं उदाहरणों के आलोक में लिखा गया है। लेखक के श्रेय के लिए, उन्होंने यथासंभव असहमति से बचने का प्रयास किया है। और जहां उन्होंने विद्वानों की राय से असहमति जताई है, वहीं फतवे के बजाय सुझाव के लहजे में अपनी राय पेश की है। इसके कारण भी बताए गए हैं।