इसमें राधारमण दत्त के हजारों गानों के बोल शामिल हैं
बाउल कवि राधारमन दत्त का जन्म 1240 ईसा पूर्व सुनामगंज जिले के जगन्नाथपुर थाने के अतुआजन केशबपुर में हुआ था। उनके पिता का नाम राधामाधव दत्त और माता का नाम सुवर्णा देवी था। उनके पिता संस्कृत के महान विद्वान थे। राधारमण ने बचपन में ही अपने पिता को खो दिया था। 1275 ईसा पूर्व में उन्होंने मौलवीबाजार सदर थाना क्षेत्र के अदपाशा गांव के नंदकुमार सेन अधिकारी की बेटी गुणमयी देवी से शादी की। राधारमण दत्त ने अपने चार में से तीन बेटों को समय से पहले खो दिया और उनकी पत्नी की भी मृत्यु हो गई। इस स्थिति में वह बहुत निराश हो गया और उसने परिवार छोड़ दिया। मौलवीबाजार के धेउपाशा गांव के एक भक्त रघुनाथ भट्टाचार्य ने घर छोड़ दिया और अपने घर के पास नलुवर हाओरे में एक जंगल में एक आश्रम स्थापित किया। खूब धूमधाम हुआ करती थी। राधारमण अपनी परिषद की टीम के साथ दिन-रात कीर्तन करते थे। उनके अधिकांश गीत वहीं रचे गए थे। 1322 ईसा पूर्व में उनकी मृत्यु हो गई। उन्हें केशबपुर गांव में दफनाया गया है।