सुंदरकाण्ड अर्थ सहित 정보
Sundarkand 의미와 함께, Hanuman Chalisa, Bajrang Baan, Hanuman Ashtaq
श्री रामचरितमानस का पंचम सोपान सुन्दरकाण्ड है। इस सोपान में 03 श्लोक, 02 छन्द, 58 चैपाई, 60 दोहे और लगभग 6241 शब्द है।
हनुमानजी को जल्द प्रसन्न करने के लिए सुंदरकांड का पाठ किया जाता है और इस पाठ को करने वाले व्यक्ति के जीवन में खुशियों का संचार होने लगता है.
इस कांड को क्यों बोला गया सुंदरकांड?
हनुमानजी, सीताजी की खोज में लंका गए थे और लंका त्रिकुटाचल पर्वत पर बसी हुई थी. त्रिकुटाचल पर्वत यानी यहां 3 पर्वत थे पहला सुबैल पर्वत, जहां के मैदान में युद्ध हुआ था.
दूसरा नील पर्वत, जहां राक्षसों के महल बसे हुए थे और तीसरे पर्वत का नाम है सुंदर पर्वत, जहां अशोक वाटिका थी.
इसी वाटिका में हनुमानजी और सीताजी की भेंट हुई थी. इस कांड की यही सबसे प्रमुख घटना थी इसलिए इसका नाम सुंदरकांड रखा गया है