इस केन्द्र की प्रशासनिक व्यवस्था जोबनेर के अन्तर्गत आती है।
कृषि विज्ञान केन्द्र की स्थापना का कार्य शिक्षा आयोग (1964-66) द्वारा की गई। एक महत्वपूर्ण सिफारिश के आधार पर प्रारम्भ हुआ था। आयोग ने ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में आने वाले युवक और युवतियों को प्रशिक्षण सम्बन्धी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए माध्यमिक स्तर से पूर्व और बाद के स्तरों पर कृषि और कृषि समन्वय क्षेत्रों में व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने के लिए विशिष्ट संस्थाओं की स्थापना हेतु गंभीर प्रयास करने की सिफारिश की। आयोग की सिफारिश पर 1966-72 के दौरान शिक्षा मंत्रालय, कृषि मंत्रालय, योजना आयोग, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और अन्य संबंधित संस्थाओं द्वारा चर्चा की गयी। अन्त में भा.कृ.अ.प. ने कृषि कार्य करने वाले किसानों, स्कूल छोड़ चुके विद्यार्थियों और ग्रामीण स्तर पर कार्य करने वाले प्रसार कार्यकर्ताओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण देने के लिए पहले कृषि विज्ञान केन्द्र की स्थापना 1974 में तमिलनाडू कृषि विश्वविद्यालय, कोयम्बटूर के प्रशासनिक नियंत्रण में पांडिचेरी में की गई।