हरियाणा के महान कवि पंडित मांगेराम की संचित सांग विधा में रागनियों का संकलन है
यह "सोशल-एप्लीकेशन" हरियाणा के महान शिरोमणी कवि पंडित मांगेराम की संचित सांग विधा में रागनियों का संकलन है। इस एप्लीकेशन में मूलरूप से अब तक 14 सांगो की लगभग 500 रागनियों एवं भजनों का संग्रह किया गया है | शिरोमणी कवि पंडित मांगेराम जी ने अपने सांगो मे गुरु अराधना, धर्म, संस्कृति, लोक जीवन, नैतिकता, प्रेम सौन्दर्य, भक्ति को ग्रामीण रंगत मे रंगकर प्रस्तुत है, है आज के इस आधुनिक युग मे हरियाणवी साहित्यस चलते हमारी धूमिल होती हरियाणवी संस्कृति और लोकसाहित्य लुप्त होने के कारण हरियाणवी साहित्य अगर कोई आधुनिक तकनीक तकनीक देंगे तो एक के अंधकार मे ये अमूल्य रचनाये जायेंगी और आधुनिक तकनीक मे जायेंगी और ही नही रहेगा | हरियाणवी संस्कृति और लोकसाहित्य को आगे बढ़ाने मे यह "सोशल-एप्लीकेशन" एक कड़ी का काम करेंगी और कवि की ज्ञान गंगा को सदैव अमर रखेगी | इस "सोशल-एप्लीकेशन" का मुख्य "उद्देश्य हरियाणवी लोकसाहित्यो जन-जन तक पहुंचे ताकि समस्तजन हरियाणवी साहित्य ज्ञान से परिचित और आने आने वाली युवा पीढियां इस साहित्यिक ज्ञान को अर्जित कर सके आधुनिक युग में सिर्फ हरियाणवी साहित्य को अर्जित सके युग यही यही तकनीकी ही एक ऐसा है जिसके जरिये हम हरियाणा के महान कवियों की कविताई को जन-जन तक पहुंचा सकते है, इसलिए इस "सोशल-एप्लीकेशन" को तैयार किया गया है।