关于Karinaye Zindagi - URDU
伊斯兰教文ROSHNI主的丈夫或妻子柯卡斯Tallukat Batane洼里基塔乌尔都语我
ज़ेरे नज़र किताब करीना-ए-ज़िन्दगी मिल्लत के उन अफराद के लिए बेहद फाईदेमंद साबित होगी जो अज्वाजी (शादी शुदह) ज़िन्दगी से जुड़े है ! खुसूसन वो नौजवान जो अपनी ला-इल्मी और मज़हब से दुरी के सबब गैर इंसानी हरकते करके अल्लाह عزّوجل और रसूले अकरमﷺ की नाराज़गी मोल लेते है !
याद रखिये दुनिया का वो वाहद मज़हब, मज़्हबे इस्लाम है जो ज़िन्दगी के हर मोड़ पर हमारी रेहबरी करता हुआ नज़र आता है ! पैदाईश से लेकर मौत तक, घर से लेकर बाज़ार तक, ईबादत से लेकर तिजारत तक, खल्वत से लेकर जल्वत तक, गरज के किसी भी शौअबा के तअल्लूक से आप सवाल करें! इस्लाम हर एक का आपको इत्मिनान बख्श जवाब देता नज़र आएगा !
हमारे नबी ﷺ आखिरी नबी हैं, अब कियामत तक कोई नबी बनकर नहीं आएगा ! इसी आखिरी नबी का लाया हुआ दीन व कानून भी आखिरी कानून है ! अब क़ियामत तक कोई नया दीन व कानून नहीं आएगा ! इसलिए मिल्लत के अफराद से अपील है की वह दुसरो की नकल करने से बचें ! नकल तो वह करे जिसके पास असल न हो ! हम तो वह खुश किस्मत उम्मत है जिसको कियामत तक के लिए दस्तुरे हयात दे दिया गया है ताकि ये कौम कियामत तक किसी की मोहताज ना रहे !
अज़ीज़ गिरामी मुहतरम मुहम्मद फारुक खान रजवी सल्लमा ने ऐसे निचिरिय्यत के माहोल में इस किताब करीना-ए-ज़िन्दगी के ज़रिये सही रहनुमाई की बहुत कामियाब कोशिश की है ! अल्लाह तआला इस किताब के मुअल्लिफ़ को जज़ाए खैर अता फरमाए ! और इस किताब को हिदायत का ज़रिया बनाये!
________________________