2025年01月28日に更新済み
शब्दवाणी में सम्मिलित किये गए सभी शब्द गुरु महाराज जाम्भोजी द्वारा अपने समय में अपने भक्तो को ज्ञानोपदेश के दौरान श्रीमुख से बोली गयी है, इसमें किसी भी प्रकार का कोई कॉपी राइट नहीं है |
शब्दवाणी के नए संस्करण में नित्य प्रति हवन करने के लिए सुगम एवं सरल बनाया गया है तथा विभिन्न प्रकार की त्रुटियों को हटाने का प्रयास किया गया है तथा इस संस्करण में अमावस्या की तिथि को भी जोड़ा गया है| हमारा प्रयास हमेशा की तरह यही है की शब्दवाणी को जन जन तक पहुंचाना है|