更新于2025年01月29日
शब्दवाणी में सम्मिलित किये गए सभी शब्द गुरु महाराज जाम्भोजी द्वारा अपने समय में अपने भक्तो को ज्ञानोपदेश के दौरान श्रीमुख से बोली गयी है, इसमें किसी भी प्रकार का कोई कॉपी राइट नहीं है |
शब्दवाणी के नए संस्करण में नित्य प्रति हवन करने के लिए सुगम एवं सरल बनाया गया है तथा विभिन्न प्रकार की त्रुटियों को हटाने का प्रयास किया गया है तथा इस संस्करण में अमावस्या की तिथि को भी जोड़ा गया है| हमारा प्रयास हमेशा की तरह यही है की शब्दवाणी को जन जन तक पहुंचाना है|