Narmada Chalisa Free 정보
श्री नर्मदा चालीसा, आरती व नर्मदा अष्टकम나르마다 Chalisa, Aarti 및 Narmadaashtak
No full screen ads or popups ads
less then 1 mb
small size
नर्मदा का अर्थ = नर्म का अर्थ है- सुख और दा का अर्थ है- देने वाली
1. श्री नर्मदा चालीसा
2. आरती
3. नर्मदा अष्टकम
1. Narmada Chalisa
2. Aarti
3. Narmadaashtak
Download and Share
जन्म कथा 1 - कहा जाता है की तपस्या में बैठे भगवान शिव के पसीने से नर्मदा जी प्रकट हुई। नर्मदा जी ने प्रकट होते ही अपने अलौकिक सौंदर्य से ऐसी चमत्कारी लीलाएं प्रस्तुत की कि खुद शिव-पार्वती भी चकित रह गए।
तभी उन्होंने नामकरण करते हुए कहा- हे देवी, आपने हमारे ह्रदय को हर्षित कर दिया है। इसलिए आज से आपका नाम हुआ नर्मदा। नर्म का अर्थ है- सुख और दा का अर्थ है- देने वाली। इसका एक नाम रेवा भी है लेकिन माँ नर्मदा ही इनका प्रचलित नाम है।
जन्मकथा 2 - कहा जाता है की मैखल पर्वत पर भगवान शंकर ने 12 वर्ष की दिव्य कन्या को अवतरित किया महारूपवती होने के कारण विष्णु आदि देवताओं ने इस कन्या का नामकरण नर्मदा किया। इस दिव्य कन्या नर्मदा ने उत्तरवाहिनी गंगा के तट पर काशी के पंचक्रोशी क्षेत्र में 10,000 दिव्य वर्षों तक तपस्या करके प्रभु शिव से कुछ ऐसे वरदान प्राप्त किए जो कि अन्य किसी नदी के पास नहीं है - जैसे :-
1. प्रलय में भी मेरा (माँ नर्मदा) नाश न हो।
2. मैं विश्व में एकमात्र पाप-नाशिनी नदी के रूप में प्रसिद्ध रहूं।
3. मेरा हर पाषाण (पत्थर)(नर्मदेश्वर) शिवलिंग के रूप में बिना प्राण-प्रतिष्ठा के पूजित हो।
4. मेरे (नर्मदा जी) तट पर शिव-पार्वती सहित सभी देवता निवास करें।
पृथ्वी पर नर्मदा : स्कंद पुराण में वर्णित है कि राजा-हिरण्यतेजा ने चौदह हजार दिव्य वर्षों की घोर तपस्या से शिव जी को प्रसन्न कर नर्मदा जी को पृथ्वी तल पर आने के लिए वर मांगाथा। शिव जी के आदेश से नर्मदा जी मगरमच्छ के आसन पर विराजमान होकर उदयाचल पर्वत पर उतरीं और पश्चिम दिशा की ओर प्रवाहित हुईं।