जहा खबरों के सबूत और साक्ष्य बेचे जाते हो उसके माध्यम से जनता के बीच जनता की आवाज बनना कितना कठिन है? ...उसका उदाहरण आप से अनदेखा नहीं है , जिस तरह मीडियाॅ के बड़े घरानों को घोटालेबाजों और अपराधियों के हाथ बिकते देखा जा रहा हॅ वह भी आप की आखों से दूरे नहीं है। शायद इसी लिए देस के बड़े पत्रकारों ने आज की मीडिया के बड़े घरानों से दूर अपने घर से जनता की आवाज को बुलंद करने के काम मे जुट कर देश के प्रति अपने कर्तव्य को धार देने में अपनी भलाई समझते हुए समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन में समस्याओं से प्रति दिन दो चार होना स्वीकार किया है। पुन्य प्रसून बाजपेई ,अभिसार शर्मा सरीखे लोग इसके उदाहरण है। टीवी के पत्रकार हो या फिर अखबारो के सब पर जिस तरह से ‘‘समय की सरकार’’ ने तलवारे खीची है वह किसी से छुपा नही है। इस दौर में अखबारों और टीवी समाचार चैनलों से लोगो का ‘‘इंट्रेस्ट’’ कम होने में ‘‘बड़े मीडिया’’ घराने कम जिम्मेदार नही हैं। अपने 20 साल के पत्रकारीय जीवन में अखबारी और टीवी मीडिया की गिरती क्षवि ने जिस तरह से मुझे झकझोरने का काम किया, शायद ही इसके पहले मै कही ‘‘हिला’’ होऊंगा ? ‘‘प्रशासनिक’’ स्तर से बड़े घोटाले हो या फिर बड़ी राजनीतिक ‘‘बाते’’ मीडिया के बड़े घरानों को तथ्यों की अनदेखी करते देखा तो वही पर जनता को ठगते हुए भी देखा। बड़े मीडिया घरानों से हाथ मिला ‘‘राजनीति’’ को भी बेइमानी के लिए सजिश रचते देखा। जिसमे लधु समाचार पत्रों और न बिक पाने वाली मीडिया को समाप्त करने की साफ साजिश दृष्यमान हो रही हैू। ऐसे में उपेक्षित पत्रकारों के लिए ऐसे एक ‘‘प्लेटफार्म’’ की जरूरत महसूस किया जो तथ्यों के साथ किसी भी स्तर की सच्चाई को समाज के सामने लाने की ‘‘कूवत’’ रखते हुए ‘‘खबरो’’ को हर हाल में सार्वजनिक करने के आदती हो। छुपाई जा रही हर जानकारी को आम जनता तक पहुचाना अपनी जिम्मेदारी समझने वालों का खरी दुनिया स्वागत करने को तैयार है। सच्चाई को लक्ष्य बना कर बिना किसी लाभ और हानि के खबरों को जनता के बीच लाना ‘‘खरी दुनिया’’ का पहला और अंतिम लक्ष्य है। हर खबर ‘‘खरी’’ हो इसके लिए तथ्यों पर जोर देना दुनिया का लक्ष्य है। -समाज में व्याप्त कुरितियो और अन्याय के खिलाफ ससबूत खबर परोसने का माद्दा हो तो ‘‘खरीदुनिया’’ में आप का स्वागत है’’ अन्यथा चाटुकारिता और दलाली तो आम हो चुकी है जै राम जी की। आप के स्नेह का आकांक्षी -- संपादक ‘‘खरी दुनिया’’
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