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यहसोशलएपएपएपयहयहयहयहयहयहयहयहयहयहयहयहयहयहयहयहयहयहयहयहयहयहयहयह 16 16 16 16 16 16 16 16 16लगभगलगभगलगभगलगभगलगभगलगभगलगभगलगभगलगभगलगभगलगभगलगभगलगभग16लगभगएवं16 16 16है> सुर्यकविप。 लख्मीचंदनेअपनेसांगोमेगुरुअराधना,धर्म,संस्कृति,लोकजीवन,नैतिकता,प्रेमसौन्दर्य,भक्तिकोग्रामीणरंगतमेरंगकरप्रस्तुतकियाहै,परन्तुआजकेइसआधुनिकयुगमेहरियाणवीसाहित्यसकेप्रतियुवावर्गकीघटतीरूचिकेचलतेहमारीधूमिलहोती हियियृृृलोलोसियििदेंगेदि तकेअंधकारमेयेअमूल्यरचनायेलुप्तहोजायेंगीऔरहमारेइनलोककवियोंकीअदभुतप्रतिभाकाकोईमहत्वववजूदहीनहीरहेगा| यहियृृृसससयहयहयहयहयहयहयहखेगीखेगीखेगीखेगीखेगी इस“सोशल-एप्लीकेशन”कामुख्य“उद्देश्यहरियाणवीलोकसाहित्योजन-जनतकपहुंचेताकिसमस्तजनहरियाणवीसाहित्यज्ञानसेपरिचितहोऔरआनेवालीयुवापीढियांभीइससाहित्यिकज्ञानकोअर्जितकरसके|इसआधुनिकयुगमेंसिर्फयहीतकनीकीहीएकऐसामाध्यम हैेियेियेियेियेियेियेजजजजहैहैहैहैहैहै